बुधवार, 6 फ़रवरी 2013

अपील

दोस्‍तो
सबसे पहले मेरी सभी को 17 फरवरी के शुभ दिन की यानि कि देवनारायण जयंती की अग्रिम शुभकामऐं,
आशा है कि आप सभी भी वही सोच रहें होगे कि जो मैं सोच रहा हूं मेरा मतलब है राजस्‍थान में गुर्जर आरक्षण पर लगी रोक के बारे में , दरअसल ये जो रोक है वो पूरी तरह से पूर्व नियोजित थी और जहां तक मेरा मनना है कि हमारे कथित नेता लोंगों को इसका पूर्व आभास था , क्‍योंकि रोक लगने पर भी वो वैसा ही व्‍यवहार कर रहें जैसा पहले था
  कहां गये उनके वो शब्‍द जो पहले उनके मुहं ये निकलते थे , शायद कहीं राजनिति नामक 'खौंड' राजस्‍थान में जानवरों के निवास को खोंड कहते हैं  मै दुबक गयें हैं क्‍योंकि अब वो जनजागरण करेंगे शायद अब भी वो जनाब जनता को मूर्ख समझ रहें , अरें अब तो होश में आओं क्‍योंकि जब बच्‍चा पैदा होता है तब भी आजकल तो दाई कें मुंह से सिर्फ एक ही शब्‍द निकलता है कि ''बेटा बडा होकर नौकरी लगना जल्‍दी आरक्षण मिलने वाला है'' तो फिर जनजागरण कि क्‍या जरूरत पडी, जनजागरण तो आपको गोपालगढ कांड के समय करना था लेकिन तब आप भाईयों के हालचाल पूछ रहे थे, और कह रहे थे कि गहलोत सरकार पर पूरा भरोसा है होगा भी क्‍यों नहीं जनाबों को महरबानी जो मिली हुई है

खैर छोडों
अब हम मुददे की बात पर आते है बात यह है कि अबकी देवनारायण जयंति पर हम सभी युवा मिलकर कोई रणनिति बनायें
मुझे आपके सुझावों का इंतजार रहेगा
मनमोहन कसाना
संपादक
गुर्जर प्रवक्‍ता
09672 281 281

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