मै सुबह बैठा चाय पी रहा था की खां साहब आ गये चेहरे को लाल चेक के स्कार्फ से ढके हुए अरबी कलफी पहने जैसे कोई अरबी शेख . जेब से कुछ मूंगफली निकाल कर मेरे हाथ पर रखकर बोले ये गरीब की मेवा खा ये भी निगोड़ी 100 रूपये किलो बिक रही है ,सर्दी बढ़ने लगी है इसलिए घर से पैक होकर ही निकलता हूँ फिर भी दिमाग गर्म हो गया मुन्ना मेरे चच्चा के एक लड़के ने गैर बिरादरी की लड़की से शादी कर ली थी चच्चा पूरी उम्र बिरादरी से ऐसे मुंह छिपाते रहे जैसे आजकल बदमाशो को देखकर पुलिस .हाय हुसैन चच्चा अब न हुए वरना शान से जीते ऐसे लोग अब बिरादरी में नाक लेकर बोलते है कल मै अख़बार मै देख रिया था तेरी बिरादरी के शादी के कई इस्तहार थे अच्छी पढ़ी लिखी लड़कियों के लिए के लिए गैर बिरादरी की रिश्तो की मांग थी मुन्ना तेरी बिरादरी ही एक ऐसी बिरादरी है जो अच्छा पढ़ लिख जाये या भाग्य से किसी उच्चे पद पर पहुँच जाये तो फिर अपनी ही
बिरादरी को हीन समझाने लगता है . अपने बच्चो के रिश्ते भी गैर बिरादरी में ढुंढने लगा है .नाम के साथ गुर्जर तो लिखता क्या गोत्र को भी बदल कर लिखने लगता है, जैसे काफी
बैंसले अपने आपको बंसल लिखने में अपनी शान मानते है .बैंसला शब्द एक उपाधि है जो क्षत्रिय वीर शक्तिशाली राजाओ को दी जाती थी. बंसल एक बनिया जाती का गोत्र मात्र है जो जाति मनु महाराज के अनुसार क्षत्रियो से एक पायदान नीचे है | दूसरा गुर्जर( gurjar ) शब्द को हमारे कुछ पढ़े लिखे भाई भी अनपढो की तरह गुज्जर ( gujjar ) लिखना पसंद करते है .gujjar एक अर्थहीन शब्द है और gurjar इतिहास से जुडा एक अर्थ वाला शब्द . है ये बात ठीक ऐसे है जैसे अनपढ़ आदमी स्कूल को सकूल बोलता है तो क्या हम पढ़े लिखे भाई उन्ही का अनुशरण करते हुए सकूल ही बोलने लिखने लगे .मेरी नानी पढ़ी लिखी नही थी वो मेरठ को मेंठ बोलती थी क्या वो मेंठ हो जायेगा इन पढ़े लिखे मूर्खो की वजह से आज gurjar शब्द को मीडिया भी अब gujjar लिखने लगा है गोत्र और gurjar शब्दों की वजह से इतिहास कर आपको प्राचीन प्रसिद्ध सूर्यवंश से जोड़ते है ,किन्तु आपने आपनी कोम को इतिहास के पन्नो से दूर करने की कसम खा रक्खी है. आने वाले वक्त में गुर्जर को इतिहासकार दो जातियों में बाँट देंगे एक उच्च कुल क्षत्रिय गुर्जर दुसरे दलित गुज्जर . जैसे जाट और जाटव एक अक्षर का अंतर और फर्क आपके सामने है .समाज में आई रुढियो व अल्प ज्ञान को दूर करने का जिम्मा सामाजिक संस्थाओ का है पर उनके पदों पर ऐसे लोग बैठे है जो समाज के पैसे से अपनी जेब गर्म कर रहे है .जब मेढ़ ही खेत को खाने लगे तो रब ही मालिक है .खैर मुन्ना मुझे तेरी बात अच्छी लगती है तो अपनी मित्र लिस्ट में उन लोगो को शामिल नही करता जो अपने गोत्र को बदल कर लिखे या gurjar को gujjar लिखे| मै चलता हूँ मुन्ना बाजार से चाय चीनी लेने आया था तेरी चच्ची इंतजार कर रही होगी शाम के टेम घर आना बादाम का ठंडा दूध पिलाऊंगा .
...डॉ.के.पी.गुर्जर
लेखक स्वतंत्र् विचारक हैं
Kp gurjar ji apni knowledge bdhao….anpadh mujhe aap lag rhe ho….history mai bhi kitni jagah gujjar or gurjar dono likha hua hai….inscriptions m bhi gujjar likha hai..Pritiviraj raso m bhi….gujjar word gurjar ki hi prakrit form hai….gurjaro ke phele shilaalekh prakrit m hi milenge
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