शुक्रवार, 20 सितंबर 2013

गुर्जर राजनिति की वर्तमान दशा और दिशा- मनमोहन कसाना



                                                      गुर्जर राजनिति की वर्तमान दशा और दिशा


Manmohan Kasanaदेश में चुनावी माहौल की शुरूआत हो चुकी हैं और इसका प्रभाव आजकल जातिय समीकरणों में सिमटता नजर आ रहा है उसी क्रम में गुर्जर राजनिति भी प्रदेश को प्रभावित करती है वशर्ते वह एकजुट व एक दिशा में हो जो कि वर्तमान में किसी भी द्रष्टिकोण से नजर नहीं आ रही है
वर्तमान दशा – दिशा
वर्तमान में गुर्जर राजनिति की हालात ठीक उसी तरह की हो गई है जैसे धोबी का कुत्‍ता न घर का और ना घाट का इसका कारण है हर गली में आरक्षण के नाम से पैदा होते छुटभैया नेता लोग जो सिर्फ यह जानते है कि उनके नाम के आगे गुर्जर नेता जब लगेगा जब वो हर जगह नारा देंगें कि हम आरकक्ष्‍ण लेकर रहेंगे और इस नारे का हाल ठीक ऐसा ही है जैसा कभी सुभाष चंद ने दीया था कि तुम मुझे खून दो मैं तुम्‍हें आजादी दूंगा और इस नारे को इतनी लोकप्रियता दिलाने का कार्य किया आदरणीय कर्नल सहाब ने और उसी के दम पर वो भाजपा टिकट पाने भी सफल रहे बात यहीं पर खत्‍म नहीं होती है कही और आगे वो कांग्रेस के गुण गाने लगे 1 और मामला आज भी ढाक के तीन पात या फिर हम कहें कि यह राजनिति में गुर्जरों खराब दशा का बडा उदाहरण है और आज माहौल दयह है कि कोई भी राजनैतिक दल गुर्जर समाज को गांठता ही नहीं है और इसके जिम्‍मेदार जितने हम हैं उतने ही हमारे कामचोर बढबोले नेतागण 1 अब हम मुद़दे की बात पर आते है आज प्रदेश में करीब सात विधायक हैं हमारे लेकिन वो कभी समाज के मुद्रदे पर एक नहीं हुये और तो और समाज  के ही एक पुराने नेताजी हरि सिंह महवा जी मैं एक दिल्‍ली की मीटिंग का ब्‍यौरा नीचे देरहा हूं - गुर्जर आरक्षण संचालन समिति ने फिक्की सभागार में गुर्जर महापंचायत का आयोजन किया। पंचायत की अध्यक्षता राजस्थान के पूर्व मंत्री हरी सिंह महुआ ने की। इस मौके पर सांसद सुरंेद्रसिंह नागर मुख्यअतिथि के रूप में उपस्थित थे। आम सहमति से यह फैसला लिया गया कि राजस्थान सरकार 31 अक्टूबर तक वहां के गुर्जर समाज को पिछड़ा वर्ग के तहत 5 फीसदी का आरक्षण दे। अगर सरकार ने ऐसा नहीं किया, तो देशभर के गुर्जर अन्य प्रदेशों में कांग्रेस पार्टी का राजनीतिक बहिष्कार करेंगे।।(http://navbharattimes.indiatimes.com/delhi/other-news-delhi/gujjar-mahapanchayat-government-warning/articleshow/16660125.cms#gads) कहते हैं हाथी के दांत खाने के और दि खाने ने के और क्‍योंकि यही महवा सहाब कांग्रेस को तू भी नहीं बोले पता नही क्‍यों’ कहीं आरक्षण के नाम भीड को दल में दम के रूप तो नहीं बताया ।

दरअसल गुर्जरों के साथ हुआ यह कि आरक्षण नाम  का खिलोना पकडाकर चंद राजनिति के सौदागरों ने लाशों की राजनिति की है बस कुछ और नहीं क्‍योंकि आन्‍दोलन के बाद जिस कदर नेता पैदा हुये हैं वो तो हर समाज से आगे निकलने लायक बात थी लेकिन इनकी कहानी सिर्फ भीड दखिाने भर की है जैसे कुछ उदाहरण मैं यहां दे रहा हूं अलवर. आरक्षण की मांग को लेकर संघर्ष में कभी भी कमी नहीं रही पर हम वार्ता की टेबल पर हारे। नेताओं में वर्चस्व की लड़ाई रही। इसका खमियाजा समाज को भुगतना पड़ा है। यह बात पूर्व विधायक अतरसिंह भडाना ने सोमवार को यहां सर्किट हाउस में प्रेसवार्ता में कही। उन्होंने कहा कि एसबीसी में चार प्रतिशत और आरक्षण की मांग को लेकर ३ सितंबर को करौली के जगदीशधाम में गुर्जरसमाज के पंचपटेलों की  बैठक होगी।
इसमें गाडिया लोहार, रैबारी और बंजारा समाज के नेता भी शामिल होंगे। इसमें आगे की रणनीति का फैसला लिया जाएगा। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट और कर्नल किरोड़ी बैसला को भी आमंत्रित किया गया है। अब आंदोलन का निर्णय सामूहिक रूप से लिया जाएगा। इसके लिए २१ सदस्यीय संयुक्त संचालन समिति गठित की गई है। इसी क्रम में ५ सितंबर को सिकंदरा के केलाई देवनारायणमंदिर में प्रदेशभर के गुर्जरों की महापंचायत होगी।


पत्रकार वार्ता में राजस्थान पंचायती राज कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष मूलचंद गुर्जर, समाज के नेता वीरेंद्र सिंह, राजेंद्र कसाना आदि भी उपस्थित थे।http://bagdawat.blogspot.in/2012/08/blog-post_21.html अब इन सहाब की कहानी भी सुनो ये समाज को कुछ मानते ही नहीं इसका ताजा तरीन उदाहरण है मेरा गांव जिसमें जनाब ने लोगों को मराने तक की धमकी दे डाली थी  


अब मैं आपको गहलोत सरकार के बडे मंत्री जी की कहानी सुनाता हूं

कैप्टन हरप्रसाद तंवर के आवास पर पहुंचे ऊर्जामंत्री डॉ.जितेंद्रसिंह, गुर्जर पटेलों से आरक्षण मसले पर की गुफ्तगू

हिंडौन सिटी/ तिघरिया. ऊर्जामंत्री डॉ. जितेंद्रसिंह ने कहा कि गुर्जरों को उनका आरक्षण हरहाल में मिलेगा और आरक्षण देने के लिए सरकार द्वारा प्रक्रिया चल रही है। ऊर्जामंत्री डॉ.जितेंद्रसिंह सोमवार शाम तिघरिया की तिलहरी ढाणी में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कैप्टन हरप्रसाद तंवर के घर गुर्जर पंच-पटेलों से आरक्षण के मसले पर बातचीत कर रहे थे। 

डॉ. जितेंद्रसिंह के कैप्टन हरप्रसाद तंवर के घर आने का कारण गुर्जरों द्वारा आरक्षण नहीं मिलने पर 3 मई से आंदोलन की दी गई चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है। अभी हाल ही जयपुर में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला के नेतृत्व में समिति से जुड़े पदाधिकारियों ने ऊर्जामंत्री जितेंद्रसिंह के निवास पर धरना दिया था और गुर्जरों के आरक्षण की मांग पूरी नहीं होने पर तीन मई से आंदोलन किए जाने की चेतावनी दी। जबकि संवाददाता द्वारा पूछे जाने पर ऊर्जामंत्री डॉ. जितेंद्रसिंह द्वारा तंवर के यहां आने का कारण तंवर के भतीजे प्रधान सिंह की शादी में शरीक होना बताया गया। इस दौरान ऊर्जामंत्री के साथ करौली बिजली निगम के अधीक्षण अभियंता बीएल राव भी साथ थे।

कैप्टन हरप्रसाद तंवर के आवास पर आयोजित गुर्जर समाज के पंच-पटेलों को संबोधित करते हुए ऊर्जामंत्री ने कहा कि सरकार गुर्जरों को आरक्षण देने के लिए कटिबद्ध है और सरकार द्वारा आरक्षण देने के लिए प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि गुर्जर समाज के लोगों को हर हाल में आरक्षण मिलकर रहेगा और वे उनके साथ है, जहां समाज का खून गिरेगा, वहां वे पीछे नहीं रहेंगे। वे समाज से अलग नहीं है, हमेशा समाज के साथ है। उन्होंने कहा कि आरक्षण मसले में 3 मई से पहले सरकार द्वारा एक बैठक बुलाई जाएगी। इसमें गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति से जुड़े पदाधिकारी, गुर्जर समाज के प्रमुख लोगों के साथ विभिन्न अधिकारियों को शामिल किया जाएगा। उसी बैठक में आरक्षण मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करते हुए आगामी निर्णय लिया जाएगा। इस अवसर पर ऊर्जामंत्री ने तिघरिया में 33 केबी बिजली स्टेशन का निर्माण करवाने, पानी की टंकी बनवाने, तिघरिया के तिलहरी की ढाणी होते हुए जोगीन की ढाणी तक प्रधानमंत्री सड़क योजना में सड़क का निर्माण करवाए जाने की घोषणा की। गुर्जर समाज द्वारा ऊर्जामंत्री का भव्य स्वागत किया गया।
अब गुर्जरों के राजकुमार की कहानी भी सुनों – खास यह  है कि एक नेता उन्‍हीं के सामने उनकी ही जाती पर तरस खाये लेकिन वो कभी तरस नही खासे की अब तो आरक्षण दे दो कुछ खबरें -
गिरिराज अग्रवाल/राजेन्द्र जैमन. जीरोता (दौसा)
(source: dainik bhaskar)
केंद्रीय संचार राज्यमंत्री सचिन पायलट ने सोमवार को गुर्जरों को भरोसा दिलाया कि संविधान के तहत सर्वे लागू करने के साथ ही एसबीसी का 5 प्रतिशत आरक्षण जरूर मिलेगा। वे धैर्य रखें और दौसा जिले में अब किसी भी तरह का हिंसक कदम न उठाएं। पिछले दिनों गुर्जर-मीणा समुदायों में जो कटुता आई थी, उसे दूर करने का प्रयास करें। उन्होंने इस मौके पर भीड़ से आपसी भाईचारे और सद्भाव से रहने का संकल्प भी कराया। सचिन पायलट भंडाना (जीरोता) में अपने पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. राजेश पायलट की आदमकद प्रतिमा के अनावरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। कुछ लोगों ने पहले यहां समाज से समाज को लड़ाने का काम किया था। दौसा जिले को इसका नुकसान उठाना पड़ा है। सरकार ने कमीशन बना दिया है। कमीशन के अध्यक्ष ने उन्हें संविधान के दायरे में शीघ्र ही सर्वे रिपोर्ट को लागू करवाने का भरोसा दिलाया है। इस समारोह में केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक, महादेव सिंह खंडेला, हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्रसिंह हुड्डा, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान, पूर्व सांसद रमा पायलट, ऊर्जा मंत्री डॉ. जितेंद्रसिंह, सहकारिता मंत्री परसादी लाल मीणा, शिक्षा मंत्री बृजकिशोर शर्मा, तकनीकी शिक्षा (कृषि) राज्यमंत्री मुरारीलाल होमगार्ड एवं नागरिक सुरक्षा राज्यमंत्री राजेंद्र गुढ़ा, शिक्षा राज्यमंत्री नसीम अख्तर इंसाफ संसदीय सचिव राजेंद्र विधूड़ी, ममता भूपेश समेत कई सांसद, विधायक, पूर्व विधायक और जनप्रतिनिधि मौजूद थे। बार-बार आंदोलन करके माहौल खराब करते हैं बैसला : गहलोत                                                                                                   मुख्यमंत्री ने कहा-जिनके हाथ 72 गुर्जरों के खून से रंगे थे, आप में से कुछ लोगों ने उन्हीं पर लगा दी मुहर। आरक्षण देंगे, मगर कोर्ट और संविधान का सम्मान करना पड़ेगा।        दौसा/जीरोता. गुर्जर आरक्षण मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सोमवार को दौसा में वसुंधरा सरकार, गुर्जरों और बैसला पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि अगर मेरी कलम से ही आरक्षण मिलता हो तो मैं यहां खड़े-खड़े 5 प्रतिशत आरक्षण देने को तैयार हूं। मगर कोर्ट और संविधान का सम्मान करना पड़ेगा। सरकार पारदर्शिता से काम कर रही है, जबकि कर्नल बैसला बार-बार आंदोलन कर माहौल खराब कर रहे हैं। गुर्जर समाज और समाज के हर व्यक्ति को समझने और समझाने की जरूरत है।
प्रतिमा अनावरण समारोह में गहलोत हालांकि आरक्षण मुद्दे को छेडऩे के मूड में नहीं थे, परंतु भीड़ में से बार-बार हो रही हूटिंग (व्यवधान) से नाराज होकर उन्होंने इस मुद्दे पर भड़ास निकाल दी। उन्होंने कहा कि तत्कालीन सरकार के समय में फायरिंग हुई। कुल 21 बार की फायरिंग में 90 लोग मारे गए। इनमें 70 गुर्जर भी थे। आरक्षण के मामले में कुछ लोगों को गुमराह किया गया और प्रदेश में एक काला अध्याय लिख गया। मुझे आश्चर्य है आपकी कौम पर। जिन लोगों के हाथ 70 लोगों के खून से रंगे थे, चुनाव में आपके ही कुछ साथियों ने उन्हीं पर मुहर लगा दी। 5 प्रतिशत आरक्षण विधेयक का समर्थन हमने इसलिए किया था, ताकि गुर्जर यह न समझें कि कांग्रेस उन्हें आरक्षण नहीं मिलने देना चाहती, परंतु उसमें 14 प्रतिशत आर्थिक पिछड़ा वर्ग का आरक्षण भी जोड़ दिया, जबकि उन्हें मालूम था कि यह विधेयक कोर्ट में जाकर अटक जाएगा, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण की इजाजत नहीं देती है।   
अंत में ताजा हालात ये है कि एन एस यू आई में बताते हैं कि नेहा सिंह नाम से कोई कोई गुर्जर संयोजक है वह भी देश के लेवल पर और और राजस्‍थान यूथ कांग्रेस का अध्‍यक्ष भी गुर्जर पर शर्म की बात यह रही की राजस्‍थान यूनिर्वसिटी में किसी भी गुर्जर को कांग्रेस से कोई सा भी टिकट नहीं मिला  अंत में मैं बस इतना सा ही कहूंगा कि हमाम में सब नंगे हैं क्‍योंकि कोइग्‍ भी लीडर जिसे मौका मिला चौका मारकर निकलता बना और आम गुर्जर आज ठगा सा महसूस कर रहा है और उपर से किसी भी लीडर को फोन करो तो उसकी आवाज ऐसी की मानों से फोन से ही खायेगा खासकर हमारे बैंसला सहाब तो बात ही नहीं करते पता नहीं क्‍यूं कहीं गुर्जरों से काम निकल तो नहीं गया तभी तो कोई भी नहीं जाता है उन मरने वालों के हालचाल पूछने जिनका सपना आरक्षण लेने का
मनमोहन कसाना (9672281281)                    







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