शुक्रवार, 30 नवंबर 2012

एसबीसी को अलग से 5 प्रतिशत आरक्षण


गुर्जर आंदोलन भारतवर्ष की इतिहास मे सबसे बड़ा आंदोलन था ,लेकिन जिस तरह से तत्कालीन सरकारों ने इस आंदोलन को लिया वह तरीका और सरकार का रवैया क्लेशदयक था.

आजादी के तुरंत बाद दिए गए आरक्षण में 1954 में मीना जाती को आरक्षण मिल जाने ,और गुर्जरों को बंचित रह जाने से राजस्थान के गुर्जर मीणाओं से काफी पिछड़ गए ,आजादी का लाभ दोनों जातियों को समानता से मिलता तो सामान सामाजिक स्तर और भाईचारा से रहने बाली जातियों में बिद्वेष पैदा नहीं होता ,
इस फर्क को सबसे पहले महसूस कर अपना हक़ पाने की लड़ाई छेड़ने बाले कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला का नाम गुर्जर जाती में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा
फ़ौज से रिटायर होने के बाद अपनी पेंसन के पैसे से आन्दोलन चलाने बाले आक्रामक तेबरों बाले कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला ने 1998 से करौली हिंडौन से अहिंसा पूर्वक धरना प्रदर्शन शुरू किये 2003 में विपक्ष की नेता श्रीमती वसुंधरा राजे ने सरकार गुर्जरों को सत्ता में आने पर रेजर्वेसन देने का वादा किया ,2007 के बाद ,तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी की मुख्य मंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे की सरकार के उदासीन रवईय्या को देखकर हिंडौन में रेल पटरी को उखाड़ना मुख्य सडक मार्गों का रोकना और हिंसात्मक रूप शुरू हो गया ,गुर्जर मीना संघर्ष इतना बढ़ गया की लालसोट में मीणाओं ने कुछ गुर्जरों को जान से मार डाला
,सबसे दुखद था आन्दोलन के दौरान सरकार द्वारा किये गए 21गोलीकांड , जिनमें 78 जानें चली गयीं जो की एक अपूरणीय क्षति थी
इस आन्दोलन के दौरान भारत का ही नहीं सम्पूर्ण विश्व में रहने बाला गुर्जर समाज जाग्रत हो गया ,सभी राज्यों ने रेल रोक कर आग जलाकर उग्र प्रदर्शन हुए ,आजादी के बाद समस्त गुर्जर समाज एक जुट खड़ा नजर आया ,कश्मीर के मुस्लिम गुज्जरों से लेकर कन्याकुमारी तक ,गुजरात से लेकर असाम तक समस्त गुर्जरों ने वसुंधरा सरकार के कृत्य के लिए भर्त्सना की , माननीय सुप्रीम कोर्ट ने आन्दोलन को राष्ट्रीय शर्म करार दिया ,कर्नल बैंसला पर कोर्ट की अवमानना का मुक़दमा चलाया गया ,तत्कालीन मुख्य मंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे की सरकार द्वारा जाते जाते गुर्जरों को पांच प्रतिशत और अगड़ी जातियों को पंद्रह प्रतिशत आरक्षण देकर आन्दोलन की इतिश्री की .
लेकिन 2008 में आई गहलोत सरकार ने आरक्षण को लागु करने से इनकार कर दिया जिसके लिए 2010 का आन्दोलन शुरू हुआ ,इस बार माननीय अशोक गहलोत कांग्रेस के मुख्य मंत्री बने जिन्होंने गुर्जर समाज के दो धड़े कर दिए एक कांग्रेस समर्थक बचे हुए किरोड़ी समर्थक ,लेकिन कुल मिलाकर गहलोत सरकार को 1% आरक्षण 2010 में तुरंत देना पड़ा बाकि 4% को कोर्ट का फैसला आने तक लंबित रखा गया ,
2010 से 2012 के दौरान सरकार की नीयत टालमटोल की रही ,गुर्जरों के कांग्रेसी धड़े ने कर्नल बैसला पर भ्रष्ट और हत्यारा होने के आरोप लगाये तो कर्नल बैसला ने भी कांग्रेसी धड़े पर पर बा ह री व्यक्ति होने और मुद्दे की वाहवाही lootne के आरोप लगाये |
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार शाम 28;11;12 को हुई कैबिनेट की बैठक में ओबीसी आयोग की रिपोर्ट पर चर्चा के बाद एसबीसी को अलग से 5 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया गया।

सरकार के इस फैसले से ओबीसी आरक्षण के वर्गीकरण की अटकलों पर विराम लग गया है। कैबिनेट की बैठक में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को 14 प्रतिशत आरक्षण के मामले में ईबीसी आयोग का गठन करने का फैसला किया गया।

गुर्जरों के साथ एसबीसी में गड़रिया जाति को भी जोड़ा: एसबीसी के पांच प्रतिशत आरक्षण में अब गड़रिया नई जाति जोड़ी गई है। इस तरह अब एसबीसी में गुर्जर, रैबारी, गाडिया लुहार, बंजारा और गड़रिया जातियां शामिल हैं।

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